नरेला के झंगोला गांव के लोगो ने नहीं किया मतदान !!
दिल्ली में एक साल बाद एक बार फिर शनिवार को रिकॉर्ड तोड मतदान हुआ। बंपर वोटिंग से दिल्ली की जनता में खुशी की लहर दौड पडी है। लेकिन नरेला विधानसभा क्षेत्र से चौंकाने वाली खबर आई। नरेला विधानसभा क्षेत्र में आने वाले झंगोला गांव के सभी लोगों ने सुविधाओं के अभाव का विरोध करते हुए मतदान का बहिष्कार किया। झंगोला गांव में एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला। अधिकारी ग्रामीणों को मनाने की कई कोशिश की लेकिन वे असफल रहे। शाम होते - होते कुछ लोगो ने मतदान किया पर मतदान की प्रतिसत १० से भी कम रहा।
गांव में कोई सुविधा नहीं !!
आपको बता दें कि झंगोला गांव यमुना के किनारे बसा हुआ है और यहां की कुल आबादी लगभग 6000 है। यहां सिख धर्म को मानने वालों की संख्या लगभग 98 प्रतिशत है। झंगोला गांव में डिस्पेंसरी और डीटीसी बस की सुविधा नहीं है। इस गांव में स्कूल सिर्फ पांचवी तक ही हैं। गांव की गलियों में गंदा पानी भरा रहता था। अधिकारियों से लेकर विधायक और सांसद तक लोगों ने सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन जब उनकी किसी ने भी नहीं सुनी, तो उन्होंने मतदान का बहिष्कार करने का फैसला लिया। नरेला तक जाने के लिए लोगों को चार बसें बदलनी पडती है।
नेताओ ने किये जूठे वादे पर नही किया !!
सिर्फ जब चुनाव आता है तो सभी पार्टियों के प्रत्याशी यहां आते हैं और वादा करते हैं लेकिन जब वो जीत जाते हैं तो एक बार भी यहां नहीं आते। इस बार नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के शरद चौहान, बीजेपी ने नीलदमन खत्री को और कांग्रेस ने प्रवीण कुमार भुगरा को मैदान में उतारा है।
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दिल्ली में एक साल बाद एक बार फिर शनिवार को रिकॉर्ड तोड मतदान हुआ। बंपर वोटिंग से दिल्ली की जनता में खुशी की लहर दौड पडी है। लेकिन नरेला विधानसभा क्षेत्र से चौंकाने वाली खबर आई। नरेला विधानसभा क्षेत्र में आने वाले झंगोला गांव के सभी लोगों ने सुविधाओं के अभाव का विरोध करते हुए मतदान का बहिष्कार किया। झंगोला गांव में एक भी व्यक्ति ने वोट नहीं डाला। अधिकारी ग्रामीणों को मनाने की कई कोशिश की लेकिन वे असफल रहे। शाम होते - होते कुछ लोगो ने मतदान किया पर मतदान की प्रतिसत १० से भी कम रहा।
गांव में कोई सुविधा नहीं !!
आपको बता दें कि झंगोला गांव यमुना के किनारे बसा हुआ है और यहां की कुल आबादी लगभग 6000 है। यहां सिख धर्म को मानने वालों की संख्या लगभग 98 प्रतिशत है। झंगोला गांव में डिस्पेंसरी और डीटीसी बस की सुविधा नहीं है। इस गांव में स्कूल सिर्फ पांचवी तक ही हैं। गांव की गलियों में गंदा पानी भरा रहता था। अधिकारियों से लेकर विधायक और सांसद तक लोगों ने सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन जब उनकी किसी ने भी नहीं सुनी, तो उन्होंने मतदान का बहिष्कार करने का फैसला लिया। नरेला तक जाने के लिए लोगों को चार बसें बदलनी पडती है।
नेताओ ने किये जूठे वादे पर नही किया !!
सिर्फ जब चुनाव आता है तो सभी पार्टियों के प्रत्याशी यहां आते हैं और वादा करते हैं लेकिन जब वो जीत जाते हैं तो एक बार भी यहां नहीं आते। इस बार नरेला विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के शरद चौहान, बीजेपी ने नीलदमन खत्री को और कांग्रेस ने प्रवीण कुमार भुगरा को मैदान में उतारा है।
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