चल गया केजरीवाल का जादू !!
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में पार्टी ने नया कीर्तिमान रच डाला है। आप ने विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। भाजपा को बुरी तरह मुंह की खानी पडी है और वह महज 3 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। भाजपा की खराब हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी तक को हार का सामना करना पडा है।
कांग्रेस का न खुला खाता !
सबसे बुरी गत कांग्रेस की हुई, जो अपना खाता तक नहीं खोल पाई है। आप ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की केजरीवाल को शपथ का दिलाने का कार्यक्रम तय किया है। इस बीच, केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस मुलाकात का क्या उद्देश्य है। हालांकि उन्हें औपचारिक तौर पर आप विधायक दल का नेता चुना जाना बाकी है। पार्टी के मुताबिक, केजरीवाल 14 फरवरी को ऎतिहासिक रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केजरीवाल को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने का निर्णय किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को शानदार जीत दिलाने के लिए दिल्ली की जनता का आभार जताया है।
14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे केजरीवाल !
आप नेता आशुतोष ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल 14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है। इस बीच, दिल्ली कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और चुनाव प्रभारी अजय माकन ने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत मंगलवार को नौ जिलों के 14 केंद्रों पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। पहला नतीजा करीब 10:30 बजे आम आदमी पार्टी के पक्ष में आया। बदरपुर सीट से आप के नारायण दत्त चुनाव जीते। लेकिन वोटों की गिनती शुरू होते ही आम आदमी पार्टी एक ऎसी जीत की ओर बढी, जो न सिर्फ ऎतिहासिक है, बल्कि एक ऎसे समय की जीत है, जब केंद्र की सत्ता पर भापजा है और राजनीति के दिल यानी दिल्ली में उसे दिल के गलीचे में भी जगह नहीं मिल पाई।
अरविंद केेेजरीवाल ने 31 हजार वोटों से जीते !
नई दिल्ली से अरविंद केेेजरीवाल ने 31 हजार वोटों से जीत हासिल की है। उनके अलावा चांदनी चौक से अल्का लांबा, करोल बाग से विशेष रवि, छतरपुर से करतार सिंह तंवर, आंबेडकर नगर से अजय दत्त, मॉडल टाउन से अखिलेश त्रिपाठी, कालका जी से अवतार सिंह और शकूर बस्ती से सत्येंद्र जैन ने जीत दर्ज की है। आम आदमी के सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को हरा दिया है। भाजपा सिर्फ तीन सीटों, विश्वास नगर से ओम प्रकाश शर्मा, मुस्तफानगर से जगदीश प्रधान और रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
इसके अलावा पार्टी कहीं पर भी लीड भी नहीं कर रही है। पार्टी की सीएम कैंडिडेट किरण बेदी को कृष्णानगर सीट पर आम आदमी पार्टी के एसके बग्गा से हार का सामना करना पडा है। जनकपुरी सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी को भी हार का सामना करना पडा है। आप ने बनाया इतिहास साल 2013 के विधानसभा चुनाव में 49 दिनों तक सत्ता का स्वाद चखने वाली आप ने दिल्ली विधानसभा की 90 फीसदी से अधिक सीटों पर कब्जा कर इतिहास रच दिया है। इससे पहले ऎसा देश में केवल दो बार हुआ है। एक बार सिक्किम में और दूसरी बार बिहार में। इसके अलावा 1991 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और काग्रेस गठबंधन ने 234 सीटों से से 225 पर जीत दर्ज की थी, जबकि इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन ने 234 में से 221 सीटें जीती थीं।
बेदी हारी दिया केजरीवाल को बधाई !
बेदी ने कहा कि वह केजरीवाल और उनकी टीम को पूरे नंबर देंगी और हार की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती हूं। किरण बेदी ने कहा कि चुनाव उनके नेतृत्व में लडा गया और पीएम मोदी सीएम प्रत्याशी नहीं थे। बेदी ने कहा कि केजरीवाल ने कडी मेहनत की और उनकी मेहनत 5 साल के लिए है। बेदी ने कहा, मैं भाजपा की सदस्य बनी रहूंगी और जनता के बीच जाकर काम करूंगी। बेदी की हार से हर्षवर्धन आहत भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किरण बेदी के चुनाव हारने पर दुख जताया है। बेदी जिस कृष्णानगर सीट से चुनाव हारीं, वह हर्षवर्धन की पारंपरिक सीट रही है। हर्षवर्धन ने टि्वटर पर लिखा कि पार्टी की हार के बावजूद वह क्षेत्र की जनता से जुडे रहेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत इस प्रकार रहा-
आम आदमी पार्टी (आप) - 54.3 प्रतिशत (67 सीट)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) - 32.2 प्रतिशत ( 3 सीट)
कांग्रेस - 9.7 प्रतिशत (0 )
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) - 1.3 प्रतिशत (0)
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल - 0.6 प्रतिशत (0)
शिरोमणि अकाली दल - 0.5 प्रतिशत (0)
निर्दलीय - 0.5 प्रतिशत (0)
इनमें से कोई नहीं (नोटा) - 0.4 प्रतिशत (0)
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में पार्टी ने नया कीर्तिमान रच डाला है। आप ने विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। भाजपा को बुरी तरह मुंह की खानी पडी है और वह महज 3 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। भाजपा की खराब हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी तक को हार का सामना करना पडा है।
कांग्रेस का न खुला खाता !
सबसे बुरी गत कांग्रेस की हुई, जो अपना खाता तक नहीं खोल पाई है। आप ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की केजरीवाल को शपथ का दिलाने का कार्यक्रम तय किया है। इस बीच, केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस मुलाकात का क्या उद्देश्य है। हालांकि उन्हें औपचारिक तौर पर आप विधायक दल का नेता चुना जाना बाकी है। पार्टी के मुताबिक, केजरीवाल 14 फरवरी को ऎतिहासिक रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केजरीवाल को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने का निर्णय किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को शानदार जीत दिलाने के लिए दिल्ली की जनता का आभार जताया है।
14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे केजरीवाल !
आप नेता आशुतोष ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल 14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा की सीएम उम्मीदवार किरण बेदी ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है। इस बीच, दिल्ली कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और चुनाव प्रभारी अजय माकन ने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत मंगलवार को नौ जिलों के 14 केंद्रों पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। पहला नतीजा करीब 10:30 बजे आम आदमी पार्टी के पक्ष में आया। बदरपुर सीट से आप के नारायण दत्त चुनाव जीते। लेकिन वोटों की गिनती शुरू होते ही आम आदमी पार्टी एक ऎसी जीत की ओर बढी, जो न सिर्फ ऎतिहासिक है, बल्कि एक ऎसे समय की जीत है, जब केंद्र की सत्ता पर भापजा है और राजनीति के दिल यानी दिल्ली में उसे दिल के गलीचे में भी जगह नहीं मिल पाई।
अरविंद केेेजरीवाल ने 31 हजार वोटों से जीते !
नई दिल्ली से अरविंद केेेजरीवाल ने 31 हजार वोटों से जीत हासिल की है। उनके अलावा चांदनी चौक से अल्का लांबा, करोल बाग से विशेष रवि, छतरपुर से करतार सिंह तंवर, आंबेडकर नगर से अजय दत्त, मॉडल टाउन से अखिलेश त्रिपाठी, कालका जी से अवतार सिंह और शकूर बस्ती से सत्येंद्र जैन ने जीत दर्ज की है। आम आदमी के सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को हरा दिया है। भाजपा सिर्फ तीन सीटों, विश्वास नगर से ओम प्रकाश शर्मा, मुस्तफानगर से जगदीश प्रधान और रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
इसके अलावा पार्टी कहीं पर भी लीड भी नहीं कर रही है। पार्टी की सीएम कैंडिडेट किरण बेदी को कृष्णानगर सीट पर आम आदमी पार्टी के एसके बग्गा से हार का सामना करना पडा है। जनकपुरी सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी को भी हार का सामना करना पडा है। आप ने बनाया इतिहास साल 2013 के विधानसभा चुनाव में 49 दिनों तक सत्ता का स्वाद चखने वाली आप ने दिल्ली विधानसभा की 90 फीसदी से अधिक सीटों पर कब्जा कर इतिहास रच दिया है। इससे पहले ऎसा देश में केवल दो बार हुआ है। एक बार सिक्किम में और दूसरी बार बिहार में। इसके अलावा 1991 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और काग्रेस गठबंधन ने 234 सीटों से से 225 पर जीत दर्ज की थी, जबकि इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन ने 234 में से 221 सीटें जीती थीं।
बेदी हारी दिया केजरीवाल को बधाई !
बेदी ने कहा कि वह केजरीवाल और उनकी टीम को पूरे नंबर देंगी और हार की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती हूं। किरण बेदी ने कहा कि चुनाव उनके नेतृत्व में लडा गया और पीएम मोदी सीएम प्रत्याशी नहीं थे। बेदी ने कहा कि केजरीवाल ने कडी मेहनत की और उनकी मेहनत 5 साल के लिए है। बेदी ने कहा, मैं भाजपा की सदस्य बनी रहूंगी और जनता के बीच जाकर काम करूंगी। बेदी की हार से हर्षवर्धन आहत भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किरण बेदी के चुनाव हारने पर दुख जताया है। बेदी जिस कृष्णानगर सीट से चुनाव हारीं, वह हर्षवर्धन की पारंपरिक सीट रही है। हर्षवर्धन ने टि्वटर पर लिखा कि पार्टी की हार के बावजूद वह क्षेत्र की जनता से जुडे रहेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत इस प्रकार रहा-
आम आदमी पार्टी (आप) - 54.3 प्रतिशत (67 सीट)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) - 32.2 प्रतिशत ( 3 सीट)
कांग्रेस - 9.7 प्रतिशत (0 )
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) - 1.3 प्रतिशत (0)
भारतीय राष्ट्रीय लोक दल - 0.6 प्रतिशत (0)
शिरोमणि अकाली दल - 0.5 प्रतिशत (0)
निर्दलीय - 0.5 प्रतिशत (0)
इनमें से कोई नहीं (नोटा) - 0.4 प्रतिशत (0)
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