गुजरात में इसका सबसे अधिक असर देखा जा रहा है. यहां स्वाइन फ़्लू से अब तक 231 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,700 से ज़्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं । इस बीमारी पर क़ाबू पाने के लिए गुजरात के तीन शहरों- अहमदाबाद, भावनगर और राजकोट में एक जगह बड़ी तादाद में लोगों के इकट्ठा होने पर धारा 144 के तहत पाबंदी लगा दी गई है ।
अहमदाबाद में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम अमूमन होते हैं लेकिन स्वाइन फ़्लू की वजह से इन पर फ़िलहाल रोक लगा दी गई है । हर 26 फ़रवरी को अहमदाबाद में इस शहर का स्थापना दिवस मनाया जाता है, पर इस साल इन कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है ।
शहर में पिछले 12 साल से हो रही चैरिटी वॉक उन कार्यक्रमों में एक है। इसके संयोजक के मुताबिक़ इसमें तक़रीबन पांच हज़ार लोग हिस्सा लेते थे, स्वाइन फ़्लू के ख़तरे को देखकर इस वॉक को रद्द कर दिया है।
वहीं कई संगीत और धार्मिक कार्यक्रमों को भी इस आदेश के बाद रद्द कर दिया गया है। हालांकि, शादी और मैयत के जुलूस नियमों के दायरे से बाहर रहेंगे । लेकिन इस आदेश से बहुत से लोग असमंजस में पड़ गए हैं । अहमदाबाद चाय की दुकानों के लिए जाना जाता है और नौजवानों के इकट्ठा होने की ये पसंदीदा जगहें होती हैं ।
स्वाइन फ़्लू की वजह से कई स्कूलों में वैकेशन। ………
डॉक्टरों का मानना है कि जैसे ही गर्मियों में तापमान बढ़ेगा, इसका असर कम हो जाएगा। इस बीच, कुछ निजी स्कूल और कॉलेजों ने ‘स्वाइन फ्लू वैकेशन’ घोषित कर दी हैं । अहमदाबाद में अधिकांश लोग वायरस से बचाव के लिए ऐसे घरेलू नुस्ख़ों का प्रयोग कर रहे हैं, जिनके असर के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है कि ये काम भी करते हैं। स्वाइन फ्लू के वायरस से बचे और स्वाइन फ्लू को फैलने से रोके।
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