दिल्ली में आरटीआई (RTI) अधिनियम का हो रहा गलत इस्तेमाल!!

आरटीआई (RTI) अधिनियम ! सही राह पर गलत इस्तेमाल !!


आरटीआई (RTIसूचनाओं को पाने का यह एक बेहतरीन औजार हैजो किसी भी व्यक्ति या समाज के लिए फायदेमंद है। लेकिन अधिकांश लोग इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। 

दिल्ली में सूचना के अधिकार आरटीआई  अधिनियम का दुरूपयोग हो रहा है, इसका खुलासा दिल्ली पुलिस ने अपने विभाग में आए आवेदनों से किया है। आवेदन में उनसे जानकारी मांगी जाती है, कि वे दिन भर में कितना कप चाय पीते हैंक् दिल्ली में कितनी बैलगाडयां चलती हैं दिल्ली में कितने हरे पे़ड हैं, ये कुछ बेकार के सवाल बस उदाहरण हैं, जो दिल्ली पुलिस से पूछे जाते हैं। ऎसे बिना सिर पैर वाले सवालों की लंबी फेहरिश्त है  


आरटीआई अधिनियम का दुरूपयोग ध़डल्ले से दिल्ली में हो रहा है। आरटीआई शाखा का गठन साल 2005 में हुआ था दिल्ली और दिल्ली के आस पास आंक़डों के मुताबिक, पिछले पांच सालों के दौरान दिल्ली पुलिस को कुल 150000 से जादा आवेदन मिल चुके हैं। साल 2014 में सितंबर तक उसे 15000  आवेदन से जड़ा मिले, जबकि साल 2013 में कुल 30000  आवेदन प्राप्त हुए शाखा में कार्यरत अधिकारियों ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश आवेदन अनुचित तथा विसंगत होते हैं और कुछ तो हास्यास्पद भी। दिल्ली पुलिस आरटीआई शाखा से जु़डे एक अधिकारी ने पहचान जाहिर करने की शर्त पर कहा



कुछ लोगों को तो आरटीआई डालने की जैसे आदत सी प़ड गई है और उनका सवाल ऎसा होता है, जो तो दिल्ली पुलिस से संबंधित होता है और ही किसी और विभाग से।दिल्ली पुलिस ने कहा, उदाहरण तो ऎसा है कि आवेदन में यह पूछा गया कि पुलिसकर्मी एक दिन में कितना कप चाय पीते हैं। ऎसे सवालों का जवाब देना संभव नहीं। एक आवेदन में पूछा गया है कि दिल्ली में कितनी बैलगाडयां चलती हैं और उनका मार्ग क्या है। इस साल हिंदी तथा अंगे्जी के अलावा बांग्ला तथा मराठी में भी आवेदन मिले हैं। उल्लेखनीय है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा नागरिकों को सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए आरटीआई का क्रियान्वयन साल 2002 में किया गया था। इसके लिए 10 रूपये का शुल्क लगता है और अधिकारी द्वारा आवेदनकर्ता को जवाब 30 दिनों के अंदर देना होता है। 

दिल्ली पुलिस की आरटीआई शाखा में 12 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो आवेदन को संबंधित अधिकारी को भेजने का काम करते हैं। इस इकाई की अध्यक्षता पुलिस उपायुक्त करते हैं और संचालन मध्य दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय से किया जाता है। महात्मा गांधी की हत्या की प्राथमिकी तथा जाति एवं धर्म के हिसाब से दिल्ली पुलिस की संरचना से संबंधित आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, मामले की जांच तथा स्थानांतरण पदस्थापन को लेकर भी आवेदन किए जाते हैं।

और पढ़िए ................ 

Share on Google Plus

About AajTak Ki Khabre

आजतक की खबरे एक न्यूज़ ब्लॉग है। जो भारत और देश दुनिया से की खबरे आप तक अपने ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुचाती है। यदि आप आजतक की खबरे को पसंद करते है। तो इसे सब्सक्राइब करना न भूले। धन्यवाद आपका दिन शुभ हो।
फिल्पकार्ट ऑफर के लिए यहाँ क्लिक करे।

0 comments:

Post a Comment