समाचार एजेंसी के अनुसार, अफगान सरकार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, "काबुल बैंक के दफ्तर के प्रवेश द्वार पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया। इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे।" हमला दोपहर के करीब हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में हुआ।
इस से एक दिन पहले- पाकिस्तान के पेशावर शहर के आर्मी स्कूल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने खौफनाक दास्तान सुनाई है।
तहरीक ए तालिबान आतंकीयो ने हमला क्यों किया
तहरीक ए तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद खुर्रासानी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। मोहम्मद ने एक गोपनीय जगह से मीडिया से बात करते हुए कहा कि छह आत्मघाती हमलावर हथियारों से लैस थे और उन्हें स्कूल पर हमले का आदेश दिया गया था। उसने बताया, सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन के खिलाफ यह हमला किया गया है। उसने बताया कि हमलावरों को स्टूडेंट्स को मारने का आदेश दिया गया था। उसने यह भी बताया कि हमलावरों ने छोटे बच्चों को जाने दिया था।
दरिंदगी की 10 दास्तान, टीचर को जलाया, बच्चों को दिखाया और पढ़े क्या क्या हुआ घटनाकर्म
बच्चों को कतार में खडा कर बरसाई गोलियां
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, आतंकियों ने बच्चों को कतार में ख़डा कर उन पर गोलियां बरसाईं। हमले में बच गए एक छात्र ने कहा कि आतंकी भाग रहे बच्चों पर भी फायरिंग करते रहे। वे तब तक गोलियां बरसाते रहे, जब तक बच्चे मर नहीं गए। यह घायल छात्र ने बताया कि आतंकी दरवाजे तोडकर आ गए। सिर झुकाए बच्चों पर बारी-बारी से गोली मारने लगे।फिर वे गलियारे में आए और भागते बच्चों पर ताबडतोड गोली चलाने लगे। लाशें बिछ गईं।
आतंकियों ने महिला टीचर को जिंदा जलाया
मोहम्मद मुनीब नाम के छात्र ने बताया, आतंकियों ने मेरी टीचर को जिंदा जला दिया। फिर हम सभी को इसे देखने को मजबूर किया गया। इसके बाद हमें भी गोली मारी। जिस टीचर को जिंदा जलाया, वह सूबेदार मजहर की पत्नी थीं। उनका बेटा भी उसी स्कूल में पढता था। वह भी मारा गया।
चीख बंद होने तक मारीं गोलियां
एक और घायल छात्र ने बताया कि आतंकी ने पहले मेरी टीचर के हाथ में गोली मारी। वह चीखने लगी तो आतंकी उनके पास आया और तब तक गोलियां चलाता रहा, जब तक उनकी चीख बंद नहीं हो गई।
एक आतंकी ने खुद को उडाया, बाकी गोलियां बरसाते रहे
स्कूल के कर्मचारी हामिर शेख ने बताया कि एक आतंकी ने 60 बच्चों से भरे कमरे में खुद को उडा लिया। बाकी हमला करते रहे। बच्चों की आड लेकर जवानों पर फायरिंग करते। फिर बच्चों को ढूंढ-ढूंढकर मारते भी जाते।
टीचर ने कहा, सेना की ड्रिल हो रही है और बच्चों को झुकने का दिया निर्देश
छात्र एजाज मोहम्मद ने बताया कि आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। बच्चे इससे घबराए पर टीचर ने कहा- सब खैरियत है। सेना की ड्रिल हो रही है। आवाजें तेज हुईं तो टीचर बोलीं, सब सिर झुका लो। सभी दरवाजे बंद कर दिए। घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, जैसे ही फायरिंग शुरू हुई, वैसे ही टीचर्स ने छात्रों को झुक जाने का निर्देश दिया। बाद में सुरक्षाकर्मियों द्वारा हमें बाहर ले जाया गया।
आतंकियों ने बंद दरवाजे तोडे और हर क्लास में जाकर की फायरिंग
टीचर्स ने गोलियों की आवाज़ सुन कर तुरंत सारे दरवाजे बंद कर दिए, लेकिन आतंकियों ने दरवाजा तोड दिया और अंदर आ गए। हम सारे बच्चे नीचे बैठ गए थे। आतंकी हवा में फायरिंग करते और बच्चों को मार रहे थे। उन्होंने सलवार-कमीज पहनी हुई थी और उनकी बडी-बडी दाढियां थीं। वे लोग अरबी में बात कर रहे थे। स्कूल के एक लैब अस्टिटेंट ने बताया कि आतंकी एक-एक क्लास में जाकर फायरिंग कर रहे थे। उनके पास बडी-बडी बंदूकें थीं। करीब एक घंटे बाद आर्मी ने उन्हें स्कूल से निकाला। स्कूल बस ड्राइवर जमशेद खान ने बताया कि हम लोग बाहर खडे हुए थे। अचानक फायरिंग शुरू हो गई। छात्रों और टीचर्स में चीख-पुकार मची हुई थी। हर जगह उथल-पुथल थी। पाकिस्तानी पत्रकार हनीफ खालिब ने बताया कि स्कूल के बाहर बच्चों के माता-पिता चीख-पुकार कर रहे थे।
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