मध्य प्रदेश के विदिशा में जन्मे कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार मिलने पर भले ही पूरी दुनिया जान गई हो मगर उनके ही गृह प्रदेश के कई मंत्री और विधायक ऎसे हैं जो उनके बारे में जानते तक नहीं हैं।
वे तो सिर्फ एक ही कैलाश को जानते है वह हैं राज्य के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय। कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद कुछ पत्रकारों ने सरकार के मंत्रियों और विधायकों से प्रतिक्रिया लेनी चाही। मंत्री से जब सवाल किया गया कि नोबेल पुरस्कार मिला है कैलाश को, तो वे पहले तो कुछ अटकी और प्रतिप्रश्न करते हुए बोली कि क्या अपने कैलाश को, वाह क्या बात है।
इसी तरह राजस्व राज्यमंत्री तो विजयवर्गीय की कार्यशैली का बखान करने में पीछे नहीं रहे। यही हाल कांग्रेस के विधायक का भी रहा, जिन्होंने विजयवर्गीय के पिछले कार्यकाल से लेकर इस बार के उनके विभाग द्वारा किए गए कामों का ब्यौरा दे डाला और भाजपा के ऊपर न कामयाब सरकार होने का भी इल्जाम लगा दिया उन्हें पता ही नही की बात कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार बारे में पुछा जा रहा है वो तो बस मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की नाकामी गिनवाने में लग गए।
सत्यार्थी (60) और यूसुफजई(17) को ओस्लो में सम्मानित किया गया और दोनों ने नोबेल शांति पुरस्कार की 11
लाख डॉलर की पुरस्कार राशि साझा की। पुरस्कार वितरण के दौरान हॉल कई देर तालियों से गूंजता रहा। इस मौके पर राहत फतेह अली खान और अमजद अली खान ने अपना म्यूजिकल कार्यक्रम भी पेश किया। पश्तो गायक सरदार अली टक्कर ने गीत पेश किया।
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