हवस और यौन हिंसा के 40 मामलों में अपराधी था सिडनी(Sydney) हमलावर !!



ऑपरेशन 17 घंटे बाद खत्म हो गया था और दो भारतीय समेत बंधक बनाए गए सभी 

लोगों को छुड़ा लिया गया। गौरतलब है कि इनमें इंफोसिस के भारतीय कर्मचारी अंकित 

रेड्डी समेत एक और भारतीय भी बंधक बने हुए थे। ऑपरेशन के बाद अंकित रेड्डी ने भारत 

में अपने परिवार से बातचीत करके अपने को सुरक्षित बताया।  



 केनबरा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने मंगलवार को कहा कि देश के प्रमुख शहर सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित एक कैफे में कई लोगों को बंधक बनाने वाला बंदूकधारी कई आपराधिक मामलों में आरोपी था और पुलिस उसे अच्छी तरह जानती थी। उसका झुकाव चरमपंथ की तरफ था। सिडनी बंधक संकट का अब हो गया है। पुलिस ने बंधकों को मुक्त करा लिया है। इस क्रम में दो बंधकों की मौत हो गई। 

लोगों को बंधक बनाने वाला बंदूकधारी भी मारा गया। पुलिस ने स्थानीय समयानुसार सोमवार रात करीब दो बजे कार्रवाई कर बंधकों को मुक्त कराया, जिसके बाद 16 घंटे के इस बंधक संकट का अंत हुआ। पुलिस की सफल कार्रवाई के बाद मंगलवार को पहले संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री एबट ने कहा कि हालांकि लोगों को बंधक बनाने के पीछे बंदूकधारी 50 वर्षीय हारून मोनिस के उद्देश्यों के बारे में फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सकता है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि उसने अपने कृत्यों को आतंकवादी गिरोह इस्लामिक स्टेट से जो़डने की कोशिश की। एबट ने इसकी पुष्टि की कि मोनिस ने 17 लोगों को बंधक बना लिया था, जिनमें से दो की मौत घटनास्थल पर हो गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एबट ने कहा, आज की सुबह (मंगलवार) मार्टिन प्लेस बंधक संकट का अंत हो गया। एकमात्र बंदूकधारी मारा गया। इस क्रम में हमें दो बंधकों की जान गंवानी प़डी। ऑस्ट्रेलिया के मासूम लोग सोमवार को आतंक के साये में रहे। 

पांच अन्य लोग इसमें घायल हो गए, जिनमें चार बंधक और एक न्यू साउथ वेल्स के पुलिस अधिकारी शामिल हैं। हालांकि अभी ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन को इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है कि मोनिस ने इस वारदात को क्यों अंजाम दिया, लेकिन एबट ने उसके इस्लामिक स्टेट से संबंधों का खुलासा करते हुए कहा कि उसका हिंसक अपराधों को लेकर एक लंबा इतिहास है। मोनिस पर अपनी पूर्व पत्नी की हत्या में सहयोग देने का आरोप है। उस पर यौन प्रत़ाडना के भी 40 आरोप हैं। उसे पूर्व में शहीद ऑस्ट्रेलियाई जवानों के परिवारों को धमकी भरा पत्र लिखने के लिए दोषी ठहराया गया है। 



भारतीय समय के अनुसार सुबह 4.00 बजे सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित लिंड्ट कैफे में 40 लोगों को बंधक बनाया गया। ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने हमलावर की पहचान ईरानी शरणार्थी शेख हारुन मोनिस के रूप में की है। बताया जा रहा है कि वह किसी कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा है। ऑस्ट्रेलिया पुलिस के अनुसार उसके ऊपर पहले से कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं जिसमें रेप का केस भी शामिल है।


सुबह 4.00 बजे
 
हमलावर काले रंग का एक हाफ जैकेट और टोपी पहने हुए कैफे के अंदर घुसा। उसके पास एक बैग भी था। उसने कैफे में स्थित सभी लोगों को बंधक बना लिया। बंधक के पास एक झंडा था जिस पर अरबी भाषा छपी थी। 

इस घटना के बारे में किसी स्थानीय ने पुलिस को सूचना दी। एक चश्मदीद के अनुसार यह भी बताया गया कि अंदर 20 लोग बंधक बनाए गए हैं। बंधकों में से कुछ की तस्वीर खिड़की के जरिए देखी गई। इसके बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र को चारों तरफ से घेर लिया।

पुलिस ने आनन-फानन में मार्टिन प्लेस खाली कराया और इलाके को घेर लिया। साथ में सिडनी का ओपेरा हाउस खाली करा लिया गया। यह देखा गया कि कैफे के कर्मचारी खिड़कियों पर हाथ दिखाकर मदद मांग रहे थे। हमलावर ने बंधकों को झंडा पकड़ने के लिए दिया, जिसपर इस्लामी संदेश लिखा हुआ था। लेकिन साफ नहीं दिखाई देने के कारण उस समझपाना मुश्किल था कि उस पर क्या लिखा हुआ था।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने केबिनेट की नेशनल सिक्युरिटी मीटिंग बुलाई और मामले की समीक्षा की। इसके बाद लिंड्ट चॉकलेट कैफे से 400 मीटर की दूरी पर स्थित 'सिडनी इंडियन कंसलटेट' स्थित है जिसे खाली करा लिया गया।


 


हमलावर के झंडे पर लिखे हुए अक्षर दिखाई दिए जिसपर अरबी भाषा में लिखा था कि यहां अल्लाह के सिवा कोई भगवान नहीं हैं और मोहम्मद उनके दूत हैं। रेडियो चैनल के कार्यक्रम टॉकबैक के होस्ट रे हेडली ने बंधक से बात करने का दावा किया। उन्होंने बताया कि हमलावर उन्हें निर्देश दे रहा है।


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